1 अगस्त से शुरू होने वाला है। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण और BPSC बीपीएससी से चयनित शिक्षकों का स्थानांतरण के लिए कौन्सिलिंग शुरू होगा।

राज्य के सरकारी स्कूलों में सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण, पुराने और बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त शिक्षकों की आगामी पदस्थापना के लिए फार्मूला तैयार किया जा रहा है. शिक्षा विभाग की तरफ से तबादले, पदस्थापन और दूसरे मामलों के लिए नीति निर्धारित करने गठित समिति की एक्सरसाइज तेज हो गयी है. समिति की एक्सरसाइज में अब तक जो बातें सामने आयी है, उसके मुताबिक 40 वर्ष तक के पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति दूरदराज के क्षेत्रों विशेषकर दियारा और पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में की जा सकती है. बशर्ते कि वह शिक्षक किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित न हों. अगर पति-पत्नी दोनों शिक्षक हैं, तो इससे उन्हें कुछ राहत मिल सकती है. महिला शिक्षकों को भी इससे राहत रहेगी.

पदस्थापना नीति 40 साल तक की उम्र वालों पर तैनाती में नरमी नहीं पुरुष शिक्षक दूरस्थ क्षेत्रों में जायेंगे।

पांच श्रेणियों में बांटे गये स्कूल

दरअसल शिक्षा विभाग ने पदस्थापना के संबंध में निर्धारित फार्मूला में स्कूलों को पांच श्रेणियों में बांटा है.अध्यापकों की भी दो श्रेणियां तय की जा रही हैं. शिक्षकों के पदस्थापन का आधार एक गंभीर बीमारी और उनकी उम्र को माना है. हालांकि समिति अभी संबंधित पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार कर रही

यह पांच श्रेणियां में

1 .पहाड़ी क्षेत्र,

2 . नदी पार (दियारा)

3 .शहरी क्षेत्र

4 .अर्धशहरी शहरी

5 . ग्रामीण इलाके

इधर, शिक्षा विभाग के सचिव और पदस्थापना, तबादला और अनुकंपा नियुक्ति आदि से संबंधित नीति तैयार करने गठित समिति के अध्यक्ष बैद्यनाथ यादव ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से एक 1 अगस्त से होने वाली काउंसेलिंग के संदर्भ में जरूरी जानकारी ली है. साथ ही नीति निर्माण के संबंध सुझाव मांगे. साथ ही सभी डीइओ ने अपनी तरफ से सलाह दीं  है कि एक 1 अगस्त से जिला स्तर पर 1 लाख 87 हज़ार से अधिक सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षकों की काउंसेलिंग होगी. इनमें उनके शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की जायेगी।

विश्वविद्यालयों के कुल सचिव और वित्तीय पदाधिकारियों की नियुक्ति करायेगा शिक्षा विभाग !

बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग एक्ट में संशोधन होने जा रहा है. संशोधन के जरिये यह प्रावधान किया जा रहा है कि आयोग न केवल पारंपरिक विश्वविद्यालय और अंगीभूत कॉलेजों बल्कि दूसरे तरह के शिक्षण संस्थाओं के लिए भी नियुक्ति कर सकेगें बशर्ते कि शिक्षा विभाग उसे इसका प्रस्ताव दे.संशोधन की पृष्ठभूमि तैयार कर ली गयी है. संबंधित संशोधनों के जरिये शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय के वित्तीय पदाधिकारियों की नियुक्तियों को अपने हाथ में लेने जा रहा है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है. सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग राजभवन से कुछ विशेष जिम्मेदारी अपने पास लेने जा रहा है. उदाहरण के लिए सहायक कुल सचिव, कुल कुल सचिव, वित्त पदाधिकारी और वित्तीय परामर्श दाताओं की नियुक्तियां विभाग अपने स्तर पर करना चाह रहा है. इसकी जिम्मेदारी भी बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग को दी जा सकती है. इस दिशा में शिक्षा विभाग जरूरी संशोधन करने की तैयारी कर ली है. उम्मीद जतायी जा रही है कि इन दोनों संशोधनों से संबंधित प्रस्ताव मंजूरी के लिए जल्द मंत्रिपरिषद के सामने रखे जायेंगे. कुछ और संशोधन की तैयारी की जा रही है.दो प्रखंडों और स्कूलों का विकल्प दे सकेंगे शिक्षक

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