स्पीकर पद के लिए आज तक हमारे देश के संसदीय इतिहास में कभी भी चुनाव नहीं हुआ है। अब तक परम्परा रही है कि डिप्टी स्पीकर विपक्ष का होता था तो
विपक्ष ने इस बार डिप्टी स्पीकर का पद मांगा और कहा कि यदि आप डिप्टी स्पीकर विपक्ष का बनवाते हो तो हम आपके स्पीकर को सपोर्ट करेंगे मगर
NDA ने नहीं माना और अब विपक्ष ने अपना स्पीकर उम्मीदवार के. सुरेश के रूप में उतार दिया है। के. सुरेश कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद हैं।
अब आएगा मज़ा क्योंकि स्पीकर के चुनाव में वोटिंग गुप्त मतदान से होगी तो खेला होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं
कार्यवाही शुरू होने पर बचे हुए सांसद शपत लेंगे ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिषद का परिचय होगा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 17 प्रस्तावक रखेंगे अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए
अध्यक्ष को अध्यक्ष की कुर्सी तक ले जाने की परंपरा निभाई जाएगी
अध्यक्ष पद का चुनाव आज होगा भाजपा के वरिष्ठ सांसद ओम बिरला इस बार भी अध्यक्ष पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार है पिछली लोकसभा में भी अध्यक्ष थे दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन की ओर से अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस सांसद के एस सुरेश को उम्मीदवार बनाया है की लोकसभा अध्यक्ष को निर्विरोध चुना जाना चाहिए
कांग्रेस नेता की है लोकसभा अध्यक्ष के लिए सभी लोकसभा सदस्यों को आज सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का है
अध्यक्ष सदन की गरिमा और स्वतंत्रता का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि संसद देश का प्रतिनिधित्व करती है इसलिए अध्यक्ष पद एक हिसाब से देश की स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव पक्ष और विपक्ष की आम सहमति से होता है लोकसभा
अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है
अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है और यह पद इतना महत्वपूर्ण क्यों है भारतीय संविधान में लोकसभा के अध्यक्ष संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है नियम के अनुसार लोकसभा सदस्य चुनते हैं यानी कि लोकसभा अध्यक्ष को सबसे पहले स्पीकर को सदन का सदस्य होना जरूरी है अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक दिन पहले उम्मीदवार के समर्थन में नोटिस दिया जाता है वहीं लोकसभा अध्यक्ष का पद ग्रहण करता है लेकिन अगर एक मत ना हो तो वोटिंग की जाती है लोकसभा अध्यक्ष निर्वाचित होने पर चुनाव के लिए पात्र होते हैं हम जानते हैं कि लोकसभा का जो अध्यक्ष का पद है बेहद महत्वपूर्ण है
How many presidents has he served so far?अब तक जो है वह कितने अध्यक्ष रहे हैं उनका कार्यकाल क्या रहा है उनके नाम क्या रहे हैं फिलहाल अब तक 17 लोकसभा अध्यक्ष रह चुके हैं.
स्वतंत्र भारत के पहले लोकसभा अध्यक्ष जो चुने गए थे वह जी वी मावलंकर 1952 से 1956 तक है
1 | जी वी मावलंकर | 1952 से 1956 तक |
2 | एम ए आयंगर | 1956 से 1957 और 1957 से 1962 तक |
3 | सरदार हुकुम सिंह | 1962 से 1967 |
4 | कैंसिल संजीव रेड्डी | मार्च 1977 से जुलाई 1977 |
5 | एन संजीव रेड्डी | 1967 से 1969 |
6 | जीएस ढिल्लोंस | 1969 से 1971 and 1971 से 1975 |
7 | बलिराम भगत | 1976 से 1977 |
8 | के एस हेगडे | 1977 से 1980 |
9 | बलराम जाखड़ | 1980 से 1985 and 1985 से 1989 |
10 | रवि राय | 1989 से 1991 |
11 | शिवराज वी पाटिल | 1991 से 1996 |
12 | पी एसंगमा | 1996 से 1998 |
13 | जीएमसी बाला योगी | 1998 से 1999 and 1999 से 2002 |
14 | मनमोहन जोशी | 2002 से 2004 |
15 | सोमनाथ चटर्जी | 2004 से 2009 |
16 | मीरा कुमार | 2009 से 2014 |
17 | सुमित्रा महाजन | 2014 से 2019 |
18 | ओम बिरला | 2019 से 2024 |
19 | ओम बिरला | 2024 अभी तक |