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Change Time Table Government School In Bihar Education Department शिक्षा विभाग का नया आदेश 12 वीं तक के सरे सरकारी स्कूल जुलाई के पहली तिथि से 9 :00 बजे से 4 :30 तक खुलेगा।

शिक्षा विभाग. एक जुलाई से कक्षा एक से 12 वीं तक के सभी सरकारी स्कूलों के लिए टाइम टेबल तय कर दिया गया है। बच्चों की छुट्टी 3.15 बजे व शिक्षकों की 4.30 होगी

शिक्षा विभाग ने एक जुलाई से कक्षा एक से 12 वीं तक के सभी सरकारी स्कूलों के लिए टाइम टेबल बुधवार को घोषित कर दिया है. घोषित कार्यक्रम के अनुसार स्कूल सुबह 9 :00 am नौ बजे खुलेंगे. अपराह्न 3.15 बजे बच्चों की छुट्टी की जायेगी. हालांकि शिक्षकों की छुट्टी शाम 4.30 बजे की जायेगी. टाइम टेबल में मध्याह्न भोजन और मध्यांतर के लिए समय 40 मिनट निर्धारित किया गया है. प्रति सप्ताह शिक्षकों को अनिवार्य तौर पर 45 घंटे पढ़ाना होगा, शिक्षा विभाग ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सन्नी सिन्हा की तरफ से जारी आदेश में साफ कर दिया गया है कि प्रधानाध्यापक, शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मी विद्यालय शुरू होने से 10 मिनट पहले स्कूल पहुंचेंगे, इस समय सारण में प्रधानाध्यापक किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकेंगे. करेंगे तो सख्ती कार्यवाही की आयेगी, यदि विद्यालय में किसी कक्षा की बोर्ड या सेंटअप परीक्षा ली जा रही हो तो अन्य कक्षाओं को सस्पेंड नहीं किया जायेगा, शनिवार को कक्षा एक से आठ वीं तक केवल गतिविधियां होंगी कोई पढाई लिखाई नहीं की जाएगी।

Change Time Table Government School In Bihar Education Department:प्रारंभिक, मध्य, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक के लिए घोषित समय सारणी:-

स्कूल शुरू होने का समय
9:00 AM
प्रार्थना/योगाभ्यास 9:00-9:15 AM बजे तक
पहली घंटी9:15-9:55 AM चजे तक
दूसरी घंटी9:55-10:35 AM बजे तक
तीसरी घंटी10:35-11.15 AM बजे तक
चौथी घंटी11:15-11:55 AM बजे तक
मध्याह्न भोजन एवं मध्यांतर
11:55-12:35 AM बजे तक
पाचवी घंटी
12:35-1:15 PM बजे तक
छठवीं घंटी
1:15-12:55 PM बजे तक
सातवी घंटी1:55-2:35 PM बजे तक
आठवी घटी
2:35-3:15 PM बजे तक
मिशन दक्ष की कक्षाओं का संचालन
3:15-4 :00 PM बजे तक
वर्ग 3 से 12 वीं तक के बच्चों को होम वर्क 4:00 -4:30 PM बजे तक

Note :-

राजकीय उर्दू विद्यालय भी इसी टाइम टेबल का पालन करेंगेसंस्कृत बोर्ड के तहत विद्यालय तथा राजकीय उर्दू विद्यालय भी इस मॉडल टाइम टेबल का पालन करेंगे मिशन दक्ष पहले की तरह विधिवत रूप से जारी रहेगा।

प्रत्येक शिक्षक को सोमवार से शनिवार तक प्रतिदिन कम से कम साढ़े सात घंटे पढ़ाना होगा. आवश्यकतानुसार पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए यह कार्यवधि प्रधानाध्यापक बढ़ा सकेंगे, इस आदेश में सबसे खास बात यह है कि प्रतिदिन विद्यालय परिसर, वर्ग कक्ष, रसोईघर एवं शौचालय आदि की साफ-सफाई के निरीक्षण करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी.

e Shikshakosh:इ- शिक्षाकोष एप 28 तक ठीक करने का निर्देश नहीं तो लगेगा जुर्माना।

इ- शिक्षाकोष एप 28 तक ठीक करने का निर्देश, लगा जुर्माना ,पटना, बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी मामले में इ-शिक्षाकोष।,एप ठीक से कार्य नहीं कर रहा है. ऐसे में बिहार ,शिक्षा परियोजना परिषद ने संबंधित एजेंसी को चेतावनी दी है कि 28 जून तक इसमें सुधार कर लें.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा है:-

कि मेरा मत है कि शिक्षकों की पुलिसिंग नहीं होनी चाहिए, फिर भी अगर व्यवस्था में अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी की जाती है तो सख्ती करनी ही पड़ेगी. हमारे लिए बच्चों की पढ़ाई आहम है. शिक्षा विभाग सितंबर- अक्तूबर में बच्चों की एक विशेष परीक्षा लेने जा रहा है, परीक्षा में अगर बच्चे फेल रहते हैं तो यह माना जायेगा कि शिक्षकों के पढ़ाने में ही कोई कमी है. ऐसे शिक्षकों को अलग से ट्रेनिंग दिलायी जायेगी. उन्होंने यह सारी बातें बुधवार को एक पॉडकास्ट कार्यक्रम के दौरान कहीं. एस सिद्धार्थ ने कहा कि बिहार के बजट में शिक्षा का बजट दूसरे विभागों की तुलना में सबसे अधिक है. लिहाजा हमारी जिम्मेदारी बनती है कि स्कूली में पढ़ाई की गुणवत्ता हर हाल में सुनिश्चित की जाए,

डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा

मैं

चाहता हूं कि लोग सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाएं, इसके लिए हम दो मुद्दों पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अख्तियार करेंगे, पहले तो कक्षा के समय बच्चा स्कूल से बाहर नहीं दिखाई देना चाहिए, दूसरे शिक्षक स्कूल में पढ़ाएं, स्कूल टाइम के बाद हम शिक्षवा को किसी तरह इंगेज नहीं करेंगे, एसीएस ने कहा है कि सरकार की मंशा साफ है कि हमारी पढ़ाई की गुणवत्ता अच्छी हो ताकि हमारा समाज अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाये. मॉनीटिरिंग के मुद्दे पर उन्होंने दो टूक कहा कि विभाग ने इसकी जिम्मेदारी डीइओ को दे रखी है. उसे ही जवाबदेह माना जायेगा. शिक्षकों की स्कूल में उपस्थिति एप से करने के निर्णय को उन्होंने बेहद अहम बताया, कहा कि इससे उनकी ही उपस्थिति नहीं, स्कूल के अन्य व्यवस्थाओं को भी जाना जा सकेगा,
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