बिहार में नीतीश सरकार को लगा झटका 65% आरक्षण को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया।

इस याचिका पर गौरव कुमार द्वारा दायर  किया गया था फैसला 11 मार्च को सुरक्षित रख लिया गया था और जिसे आज‌ सुनाया गया। है। और नीतीश सरकार के द्वारा लागू किया गया था 65% आरक्षण को रद्द कर दिया गया पटना हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया।इस याक्षिका पर सुनवाई जस्टिस के वी चंद्रन के द्वारा की गई। थी।

जाती जनगणना के बाद आरक्षण की सीमा 50% से बढ़कर 65% कर दिया गया था जिसको लेकर मार्च में ही सुनवाई की गई थी और उसको सुरक्षित रख लिया गया था और आज 20 जून 2024 को हाई कोर्ट ने इस पर पाबंदी लगा दी है। और 65% आरक्षण को खत्म कर दिया रद्द कर दिया और यह नीतीश सरकार के लिए बहुत बड़ा झटका है।

पटना Patna High court  उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि बिहार पदों और सेवाओं में रिक्तियों का आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 और बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में) आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 अधिकारातीत हैं और समानता खंड का उल्लंघन करते हैं। अनुच्छेद 14, 15 और 16. यह कदम तब आया है जब 2023 में बिहार विधानसभा ने पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 65% करने की मंजूरी दे दी थी।

The Patna High court on Thursday scrapped 65 percent .

reservation for Backward Classes, Extremely Backward Classes, Scheduled Castes and Scheduled Tribes in Bihar.यह कदम 2023 में बिहार विधानमंडल द्वारा पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और एससी, एसटी के लिए आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने की मंजूरी देने के बाद आया है। अधिनियमों के साथ, बिहार में बड़े राज्यों में सबसे अधिक आरक्षण प्रतिशत था, जो कुल 75 प्रतिशत तक पहुंच गया।

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